Advertisement Network- विज्ञापन का नेटवर्क-
प्रस्तुत लेख में हम आज विज्ञापन(Advertisement) के बारे में कुछ चर्चा करने जा रहे है आज विज्ञापन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनता जा रहा है लोगो की एक आवश्यकता के रूप में उभर कर आया है वास्तव में विज्ञापन के माध्यम से सभी कम्पनियां अपने प्रोडक्ट(Product) की मांग को बढ़ाने के लिए करती है सभी उत्पादक(Productive) विज्ञापन द्वारा उपभोक्ताओं(Consumers) को लुभाने का कार्य करते है मगर हमें सोचना ये है कि क्या सभी उत्पाद जो प्रचरित किये जाते है वो मापदंड(standard) के अनुकूल है या सिर्फ मायावी कुचक्र में फंसा कर मात्र भ्रमित करने का कार्य कर रहे है -
आज व्यावसायिकता(Professionalism) की दौड़ में इसका अवस्य ख्याल रखना होगा कि सिर्फ विज्ञापन देख कर और आँख बंद करके हमें खरीदना है -हम ये नहीं कहते है कि विज्ञापित वस्तुए आप मत लो -लेकिन आप ये क्यों मान लेते है कि जिस चीज का विज्ञापन हो रहा है वो सर्वथा आपके लिए हितकारी(beneficial) ही है -
अधिकांश रूप से विज्ञापनों में सिर्फ सही जानकारी न देकर सिर्फ उपभोक्ता को उल्लू ही बनाया जाता है और हो भी क्यों न हो -भारत ही ऐसा देश है जहाँ सब कुछ चलता है किसी को सोचने का समय नहीं है -लेकिन आपने सोचा है उत्पादन कर्ता तो अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए हर प्रयत्न करेगा-लेकिन आप क्यों नहीं सोचते है कि हमें क्या लेना है जो स्वास्थ के लिए लाभदायक हो - हर सीरियल हो फिल्म हो या सपोर्ट चैनल सभी पर दस मिनट का विज्ञापन तो आपको झेलना ही होगा -आखिर वो आपके लिए जिस सीरियल या फिल्म को आप तक पंहुचाने का कार्य करते है उनका भी पूरा खर्च उनको ही वहन करना है और ये पैसा आप तो देते नहीं -सिर्फ विज्ञापन कम्पनियां ही अपने विज्ञापन दिखाने के लिए देती है-
कुछ विज्ञापन तो इस प्रकार बनाए जाते है कि अगर आप उसका उपयोग नहीं करते है तो दुनियां के सबसे बड़े बेवकूफ है -जबकि इसका उल्टा है ऐसे विज्ञापन सिर्फ-और-सिर्फ आपको ही बेवकूफ बना रहे है-बड़े-बड़े स्टार,टी वी स्टार-को अपने प्रोडक्ट के लिए हायर करते है -और ये तो पता ही है सभी अभिनेता या स्टार धन कमाने की दौड़ में शामिल है -आपका क्या होगा या नहीं होगा इससे उनको कुछ लेना -देना नहीं है -
वैसे अधिकतर विज्ञापन नारियो को लेकर बनाये जाते है और कोई कोई विज्ञापन तो मर्यादा से बाहर भी होता है आज नारियों को हम जगत-जननी या माँ नहीं सिर्फ आकर्षण की वस्तु समझने की भूल जो कर बैठे है उसकी का दुष्परिणाम है जो विज्ञापन प्रदाता -महिलाओं को लेकर अधिकाँश: विज्ञापन का निर्माण करता है-सभी विज्ञापन परिवार का हर सदस्य देखता है और आपके बच्चे भी - अगर किसी बच्चे ने किसी अश्लील प्रचार को देख कर आपसे ये पूछ लिया -ये क्या होता है तो मज़बूरी में ही सही लेकिन आपको अपने ही बच्चे से झूठ बोलना होगा-
आज तो इस काम में ऑनलाइन शोपिंग की भी होड़ मची है अनेक-साईट आपको घर बैठे प्रोडक्ट उपलब्ध करा रही है लोक-लुभावन आफर के साथ -कोई -कोई एक की कीमत में दो देता है कोई दस प्रतिशत से लेकर अस्सी प्रतिशत का डिस्काउंट देता है -क्युकि उनको पता है आपके पास दिमाक तो है लेकिन दिमाक से सोचने का वक्त नहीं है -किसी प्रोडक्ट को अपनी लागत और मुनाफे को अत्यधिक रेट बता कर आपको डिस्काउंट देने का लोभ-लुभावन खेल चलता है और आप इस मायाजाल में उलझ जाते है -चलिए मान लेते है आप पे समय नहीं है और पैसा है -लेकिन आपके लिए हितकारी है या उसकी गुणवत्ता(Quality) है इसके लिए आप क्या करेगे?
आज विज्ञापन आवश्यकता है लेकिन जिस चीज का विज्ञापन हो रहा है और जो कह कर दिखाया जाता है पहले उस प्रोडक्ट को भी उसी हिसाब से जांचा-परखा जाना चाहिए -अतिश्योक्ति इतनी भी न हो कि अगर कोई क्लेम कर दे तो मुसकिल पड़ जाए-मान लो माउन्टेन ड्यू पीकर यदि कोई पहाड़ से कूदे तो कम्पनी उसकी मौत का हर्जाना कितना देगी-जितनी बार प्यास लगे कोका-कोला और पेप्सी पिए और जब आतें सड़ जाए तो कम्पनी कितना हर्जाना देगी-सैमसंग S 3 फोन सिर्फ स्मार्ट लोगों के लिए है बाकी सभी फोन बेवकूफ लेते है ?एक माह के डिटर्जेंट से आपको इतना सोना मिलेगा कि नौकरी की जरुरत नहीं पड़ेगी-आप लक्स कोजी बिग शॉट नहीं पहनेगे तो खुद को मर्द कहलाने का आपको कोई हक़ नहीं है -मेरा पापा रिवाइटल खाते थे अब क्या पूरी दुनियां को खिलाओगे -आपका बेटा बोर्नविटा नहीं पीता तो मंद्बुधि रहेगा ये गारंटी कम्पनी दे रही है -हंसी आती है विज्ञापन देख कर -किस तरह लुभावने तरीके से उल्लू बनाने का ठेका ले रक्खा है और आप भी किसी से कम नहीं आँख बंद कर विश्वाश कर लेते है-
हंसी तब आती है जब सबसे जादा पढ़े-लिखे लोग ही इस मायाजाल में फंसते है आपको प्रोडक्ट खरीदने से पहले उस प्रोडक्ट में कितनी सच्चाई है जानना आवश्यक है -
आज से कुछ वर्षो पहले जब विज्ञापन का प्रचार-प्रसार नहीं था लोग बाजार से सामान ले आते थे और दुकानदार पे ही भरोषा किया करते थे तब न तो इतनी मिलावट खोरी थी न इतनी धांधली थी हर व्यक्ति को कम मुनाफे में भी दुकानदार सामान देता था -आज तो इसके विपरीत है दुकानदार को किस तरह आपकी जेब से माल ढीला करवाना है इससे मतलब है जब से विज्ञापन का प्रचार हुआ है एक फायदा है कि बहुत सी वस्तुओं के दाम पहले से आपको पता होते है -बस आवश्यकता है विज्ञापन अश्लीलता युक्त न हो अतिश्योक्ति भरा न हो और दिखाए जाने से पहले -बताई गुणवत्ता के अनुकूल ही हो-
ऑनलाइन माल खरीदने पर बस इतना ही फायदा है आपको घर बैठे डिलेवरी है -लेकिन अगर वो किसी कारण खराब हो जाए या घाटियाँ किस्म का हो -तो बस कोरियर से आदान-प्रदान करते रहे- ऑनलाइन प्रोडक्ट जादा तर किसी ब्रांडेड कम्पनी के नहीं होते है इसलिए आपके शहर में उनकी रिप्लेसमेंट या सुधार की कोई एजेंसी नहीं होती है और वारंटी निकलने के बाद कोई प्रॉब्लम होती है तो फिर आप कम्पनी से सम्पर्क भी करते है तो इतने चार्ज होते है कि दूसरा प्रोडक्ट मिल जाए-यानि रफ-टफ यूज -अगर ब्रांडेड है और आपके शहर में एजेंसी है तो आपको अपने शहर की एजेंसी से ही लेना चाहिए-समस्या होने पर जा सके-
विज्ञापन दाताओं को विज्ञापन बनाते समय नैतिक मूल्यों और आदर्शो का पूरी तरह पालन करना चाहिए -झूठे और हानिकारक वस्तुओं को समाज के प्रति प्रस्तुत न करे -विज्ञापन में अश्लीलता का प्रदर्शन न करे-हमारा समाज ही व्यापारी का अंतिम सोपान है जब समाज स्वस्थ नहीं होगा तो व्यापारी कभी स्वस्थ नहीं हो सकता है -
विज्ञापन दाताओं को विज्ञापन बनाते समय नैतिक मूल्यों और आदर्शो का पूरी तरह पालन करना चाहिए -झूठे और हानिकारक वस्तुओं को समाज के प्रति प्रस्तुत न करे -विज्ञापन में अश्लीलता का प्रदर्शन न करे-हमारा समाज ही व्यापारी का अंतिम सोपान है जब समाज स्वस्थ नहीं होगा तो व्यापारी कभी स्वस्थ नहीं हो सकता है -
जीवन-शैली-
from जीवन-शैली http://www.jeevanshaeli.com/2016/06/advertisement-network.html
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