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hypnosis |
Neurohypnology(हिप्नोटिज्म) एक ऐसी कला है जिससे मनुष्य को अर्धचेतना अवस्था में लाया जाता है या यूँ कह लीजिये कि मनुष्य को Hibernating(सुप्तावस्था) में किया जाता है ये एक तरह की स्वप्न-अवस्था ही है जिसमे आदमी बोल-चाल सकता है लिख भी सकता है हिसाब लगा सकता है किन्तु वह State of hypnosis(सम्मोहित अवस्था) में रहता है लेकिन वह सभी वो कार्य कर सकता है जो जाग्रतं अवस्था में करता है परन्तु इतना फर्क है कि वह वो सभी कार्य सम्मोहन कर्ता के सुझाव पर करता है-
भारत में प्रचीन काल से इसका प्रयोग होता आया है ये गुप्त क्रियाओं के रूप में प्रचलित रहा है साधू और योगियों में भी ये कला काफी प्रचलित रही है इसमें इनके जानने वाले पाए जाते है -अन्य मनुष्यों को भी इसका ज्ञान रहा है -
अनधिकारी(अपात्र) के ज्ञाता होने से अनिष्ट की आशंका समझ कर पूर्वी देशों में इस विषय के समर्थ लोगों ने हमेशा ही इसे सर्वथा (secret)गोपनीय रखा है इस कारण आज भी इस संबंध में जो कुछ निश्चित रूप से नहीं लिखा गया है ये यूरोप की देन है जहाँ इसका वैज्ञानिक अध्ययन करने के काफी प्रयत्न किये जा चुके है-
सम्मोहनकर्ता के सुझाव पर सम्मोहित व्यक्ति के शरीर का कोई भाग सुन्न हो जा सकता है यहाँ तक कि उस भाग को जलाने पर भी उसे वेदना नहीं होती है इंद्रियों को तीव्र बनानेवाली प्रेरणा भी कार्यकारी हो सकती है- जिससे सम्मोहित व्यक्ति असाधारण बल(Extraordinary force) का प्रयोग कर सकता है या कही हुई बात को भी दूर से सुन भी सकता है-
सम्मोहित व्यक्ति को ऐसी वस्तुएँ जो उपस्थित नहीं है दिखाई तथा सुनाई जा सकती है और उनका स्पर्श व अनुभव कराया जा सकता है- इस अवस्था में कुछ भी मनवाया जा सकता है कि वह वस्तु उपस्थित नहीं है जो वास्तव में उपस्थित है यदि प्रेरणा दी जाए कि जिस कुर्सी पर सम्मोहित व्यक्ति बैठा है वह वहाँ नहीं है तो वह इसे भी मानने को तैयार हो जाएगा-
इसे पहली बार अमरीका में आज़माया गया था जहाँ आत्म-सम्मोहन- विश्राम और साँस लेने की विभिन्न तकनीकों को मिला कर प्रसव(Delivery) को आसान बनाया गया था यह सचमुच एक बहुत ही कारगर तरीक़ा साबित हुआ है-
सम्मोहन विद्या को ही प्राचीन समय से 'प्राण विद्या' या 'त्रिकालविद्या' के नाम से पुकारा जाता रहा है तथा अंग्रेजी में इसे हिप्नोटिज्म(Neurohypnology) भी कहते हैं-
सम्मोहन में सम्मोहन कर्ता आपको अपकी चेतना स्थिर कर देता है और जब आपका मन को भटकने नहीं देते तो शुरू में वह संघर्ष करता है कड़ा संघर्ष करता है-लेकिन यदि आप एकटक देखते रहते है तो धीरे-धीरे मन संघर्ष करना छोड़ देता है कुछ क्षणों के लिए वह ठहर जाता है और जब मन ठहर जाता है तो वहां अ-मन है क्योंकि मन का अस्तित्व केवल गति में ही बना रह सकता है- विचार-प्रक्रिया केवल गति में ही बनी रह सकती है जब कोई गति नहीं होती है तो विचार-प्रक्रिया खो जाती है आप स्वयं सोच-विचार नहीं कर सकते है क्योंकि विचार का मतलब है गति-एक विचार से दूसरे विचार की ओर गति और यही सम्मोहन की प्रक्रिया है-
जीवन-शैली-
from जीवन-शैली http://www.jeevanshaeli.com/2016/04/what-is-hypnosis.html
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