आपने कुछ लड़कियों को कहते हुए देखा होगा कि -क्या हुआ अगर ऑफिस नया है पर थोड़ी बहुत flirting(फ्लर्टिंग) की जा सकती है अब ऐसी सोच रखने वाली लड़कियों को संभलने की जरूरत है क्योंकि फ्लर्टिंग करने से आप तरक्की तो कर सकती हैं पर आप किसी का विश्वास नहीं जीत सकती है अगर आपको लगता है कि ऑफिस में थोड़ी-बहुत फ्लर्टिंग से कोई नुकसान नहीं है तो इस बात पर आप एक बार पुन: विचार कीजिए-
आपके कार्यस्थल पर फ्लर्टिंग यानी हल्की-फुल्की flirt(इश्कबाजी) कुछ महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद बेशक कर सकती है लेकिन ऐसी महिलाओं पर उनके सहयोगी भरोसा नहीं करते है हालांकि महिलाओं का आकर्षण उन्हें थोड़ी ज्यादा तवज्जो दिला सकता है लेकिन अगर वे कार्यस्थल पर इश्कबाजी करती हैं तो उन्हें ज्यादा भरोसे के योग्य नहीं माना जाता है-
सहयोगियों के बीच आपके लिए अविश्वास की भावना आगे चल कर नुकसान दायक साबित हो सकती है महिलाओं को flirt(इश्कबाजी) जैसे शब्द से दूर रहना चाहिए क्योंकि समाज महिलाओं को यह हक नहीं देता है कि वो इश्कबाजी जैसी बातों में अपना समय बर्बाद करें-अगर महिलाओं के flirt(इश्कबाजी) करने से वो तरक्की तो करती हैं पर किसी का विश्वास नहीं जीत पाती है -
पुरूषों के ऊपर भी यही नियम लागू होना चाहिए- पुरूष भी इश्क बाजी करके तरक्की कर सकते हैं पर किसी का विश्वास नहीं जीत सकते हैं पुरुषों के साथ शायद ऐसा नहीं होगा क्योंकि इश्क बाजी ना करने के नियम केवल महिलाओं के लिए होते हैं पर यह भी सच है कि ऑफिस काम करते समय सिर्फ अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ना कि इधर-उधर ध्यान रखना चाहिए-
प्रेम या दांपत्य संबंधों के मामले में युवा पीढी की सोच में एक नया बदलाव नजर आ रहा है आज की शिक्षित और आत्मनिर्भर युवा स्त्री को अपनी व्यक्तिगत आजादी इतनी पसंद है कि वह उसे किसी भी कीमत पर- यहां तक कि प्यार पाने के लिए भी खोना नहीं चाहती है -
Wife of the previous generation(पिछली पीढी की स्त्री) की तरह वह प्यार में अपना सर्वस्व त्यागने को तैयार नहीं है अब उसका स्वतंत्र व्यक्तित्व है उसकी अपनी पसंद-नापसंद, रुचियां और इच्छाएं हैं उसे अपनी पसंद का साथी चुनने की पूरी आजादी है ऐसी स्थिति में उसके पास विकल्पों की कमी नहीं है उसके पास अपने आप को बदलने की कोई वैसी मजबूरी भी नहीं है- जैसी कि उसकी पिछली पीढी की स्त्रियों की हुआ करती थी कि एक बार किसी पुरुष के साथ शादी या प्रेम के बंधन में बंध जाने के बाद उसके पास अपने साथी अनुरूप खुद को ढालने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता था-
आज वक्त के साथ स्थितियां तेजी से बदल रही हैं- ऐसा नहीं है Modern woman(आधुनिक युवती) अपनी शर्तो पर प्रेम करती है और अपने प्यार की खातिर खुद को बदलने के लिए जरा भी तैयार नहीं है आज भी प्रेम के प्रति उसका समर्पण कम नहीं हुआ है- फर्क सिर्फ इतना है कि आज उसकी जीवन स्थितियां उसके अपने नियंत्रण में हैं वह जिससे प्यार करती है उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार है लेकिन वह अपनी Personal freedom(निजी स्वतंत्रता) को बरकरार रखना चाहती है इसलिए उसे प्रेम या दांपत्य संबंध के मामले में भी थोडे-से पर्सनल स्पेस की जरूरत महसूस होती है वह जिससे प्यार करती है उसका Caring(केयरिंग) होना तो उसे अच्छा लगता है-
यदि आफिस में आपका बॉस आपसे फ्लर्टिंग करता है तो ये जरुरी भी नहीं है कि आप वहां स्थाई कर्मचारी के रूप में रहेगीं आप से मन भर गया तो नई खोज में वो फिर से किसी और की तलाश कर सकता है और तब आपके सहयोगी भी आप से किनारा कर सकते है -इसलिए सोचे समझे और फिर आगे कदम बढाए-
हमेशा फ्लर्टिंग नुकसान दायक रही हो ऐसा हमारे कहने का उद्देश्य नहीं रहा है कभी -कभी ये फ्लर्टिंग कुछ लोगो के लिए लाभदायक भी साबित होती है लेकिन यदि आप शादी-शुदा नहीं है तो ये फ्लर्टिंग आपके जीवन में आपको जीवन साथी चुनने में सहायता भी करता है आप किसी से निकटता बढ़ा कर उसके बारे में गहराई से जान सकती है और फिर अपने जीवन में उसे आने दे या आप वापस मुड जाए इसके लिए आपको ये फायदेमंद भी है -
सबसे पहले अपने साथी के साथ भावनात्मक जुड़ाव को सबसे ज्यादा अहमियत दे -आप बहुत गहराई से अपने साथी को समझे उसके परिवार से भी निकट सम्बन्ध स्थापित करे जब आप परिवारिक गहराइयों में जाकर समझ ले तभी रोमांस को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है ऐसे लोग फ्लर्टिंग के दौरान बहुत जल्दी कामयाब होते हैं इन्हें खुद पर भरोसा होता है और बहुत जल्दी किसी रिश्ते की अहमियत को पहचान लेते हैं यही फ्लर्टिंग का ईमानदार तरीका है-
जीवन-शैली-
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from जीवन-शैली http://www.jeevanshaeli.com/2016/05/consider-carefully-flrting.html
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