आज एक फैशन सा चल निकला है लोग ये सोच कर RO का पानी इस्तेमाल करते है कि हम बीमारियों से बचे रहेगे जिसे देखो आज RO घर में लगवाने की होड़ में दौड़ रहा है क्या कभी सोचा है कि RO का पानी पीने से हमें क्या मिल रहा है यही तो बात हमारे हिन्दुस्तान में है लोग एक दूसरे की देखा-देखी में कम्पटीशन में हर वो काम करते चले जाते है जिससे आप लोगो को ये कह सके कि हमारे पास भी है आइये जानते है RO के पानी की पूरी सच्चाई -
वैसे जब हमारे देश में जब RO का चलन नहीं था तो क्या लोग जादा बीमार हुआ करते थे -आप पिछले सारे आंकड़े उठा के देख ले तो आपको पता हो जाएगा आज लोग जादा बीमार है -ये सब एक षड्यंत्र के तहत है विदेशी कम्पनियों का विज्ञापन के जरिये फैलाया गया माया जाल है और हम भेडचाल की तरह अनुगमन करते जा रहे है बस आपको कोई दिमाक में ठूंस-ठूंस कर भरने वाला एक व्यक्ति चाहिए-आपने खुद ब खुद को बीमार करने का ठेका जो लिया है तो कोई भला क्या कर सकता है -आप अपने जीवन में आधुनिकता की दौड़ में इतने खो चुके है कि आपको सच्चाई भी अब कडवी ही लगती है-
विज्ञापन अधिकतर उस चीज का किया जाता है जो लगभग घटिया किस्म का हो और फिर जिसे दिखा-दिखा या समझा -समझा कर आपके दिमाक में इतना भर दिया जाता है कि आपको वो चीज सबसे उपयुक्त ही लगने लगे -कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन दिखा-दिखा कर आपके बच्चो की जुबान तक पर रटा दिया जाता है -
आज स्टेशनों दुकानों में भी फ़िल्टर पानी बेचा जाता है और आप ये सोच कर पीते है हम बीमार नहीं होंगे -क्या आपको पता है कि पानी में बहुत से मिनरल होते है और जब ये काटरेज फ़िल्टर से पास होता है तो बहुत सारे मिनरल तो ख़त्म हो जाते है B-12 उसमे से समाप्त हो जाता है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक था-
आपके घर पर जो भी 10वी पास सर्विस इंजिनियर आते हैं, उनसे पूंछिये कि कितने टीडीएस का जल पीना चाहिए तो बोलेंगे 50 टीडीएस का- जो उनको सिर्फ रटाया गया है उनसे पूछे मनुष्य के लिए पानी में कौन-कौन से मिनरल चाहिए तो कहेगे जी ये तो पता नहीं है मगर धडल्ले से रो बेचे जा रहे है कई बंद बोतलों का पानी भी चेक किया गया लेकिन किसी में 20 टीडीएस तक का पानी नहीं मिला-वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 500 टीडीएस तक का पानी सहन करने की छमता रखता है परंतु RO में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि शारीर के लिए बहुत ही घातक हैं-
एशिया और योरोप में तो रो के पानी पे प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ सिर्फ शरीर के लिए घातक चीजो को बेचने की आजादी है -रो के पानी में 92 से 99 प्रतिशत मनुष्य के लिए जरुरी मैग्नीशियम और कैल्शियम तो नष्ट हो जाते है -
क्या आपको पता है कि RO से पानी बनाने के लिए 50 प्रतिशत पानी को हम ऐसे ही बेकार कर देते है दो लीटर पानी से एक लीटर RO WATER तैयार होता है हम सभी लोगो के लिए 7 से 7.5 पी.एच और 200 से 250 टी.डी.एस तथा 50 हार्डनेस वेल्यु का पानी होना चाहिए - कोई भी RO वाटर क्वालिटी मेन्टेन ही नहीं करता है ये सिर्फ आपको साफ़ पानी देता है बोतल में बंद पानी की कहानी भी कुछ अलग है उनकी टी.डी.एस बस 10 के लगभग ही होती है पी.एच बढाने के लिए तथा मिनरल को मेन्टेन रखने के लिए अलग से केमिकल का उपयोग होता है-
जब भी आप बाहर का या नल का पानी पीते है कुछ ही दिनों में आपके पेट में दर्द रहने लग जाता है क्योंकि आपके सिस्टम को RO पानी की आदत पड़ी हुई है और आपकी प्रतिरोधक छमता कम हो चुकी है जो लोग RO का पानी पीते है वो लोग गाँव या छोटी बस्ती में रहने वालो की तुलना में देखे तो आप पायेगें कि उनके आंतो.की प्रतिरोधक छमता आपकी प्रतिरोधक छमता से जादा है-
आप ये विडिओ से समझे-https://youtu.be/8Fy-GtZBB8w
जब भी आप बाहर का या नल का पानी पीते है कुछ ही दिनों में आपके पेट में दर्द रहने लग जाता है क्योंकि आपके सिस्टम को RO पानी की आदत पड़ी हुई है और आपकी प्रतिरोधक छमता कम हो चुकी है जो लोग RO का पानी पीते है वो लोग गाँव या छोटी बस्ती में रहने वालो की तुलना में देखे तो आप पायेगें कि उनके आंतो.की प्रतिरोधक छमता आपकी प्रतिरोधक छमता से जादा है-
आप ये विडिओ से समझे-https://youtu.be/8Fy-GtZBB8w
from जीवन-शैली http://www.jeevanshaeli.com/2016/05/what-is-ro-water-for-health-ro.html
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